वह सोच रही थी कि मैंने अपनी ज़िंदगी में ऐसा कभी नहीं सोचा था। वह सोच रही थी कि मैंने अपनी ज़िंदगी में ऐसा कभी नहीं सोचा था।
फिर कर दिया आंसू का धमाल। हे ! संसार तू है मकड़ी की जाल। फिर कर दिया आंसू का धमाल। हे ! संसार तू है मकड़ी की जाल।
“आप एक ही मजाक में बार-बार हँस नहीं सकते। तो आप हमेशा एक ही समस्या के बारे में क्यों र “आप एक ही मजाक में बार-बार हँस नहीं सकते। तो आप हमेशा एक ही समस्या के बारे में क...
संचिता पढ़ी लिखी सुंदर और अपने माता-पिता की अकेली संतान थी । संचिता पढ़ी लिखी सुंदर और अपने माता-पिता की अकेली संतान थी ।
देखिए यजमान जी, ये सब सामान तो आपको देना ही होगा श्राद्ध में। और ये सब पूजा संकल्प तो क देखिए यजमान जी, ये सब सामान तो आपको देना ही होगा श्राद्ध में। और ये सब पूजा संकल...